Sunday, March 15, 2009
महिला खिलाडिय़ों का ही दबदबा
छत्तीसगढ़ बनने के बाद से अब तक बास्केटबाल के खाते में 31 स्वर्ण, 8 रजत और 15 कास्य पदक मिलाकर 54 पदक दर्ज हैं। हर साल टीम राष्ट्रीय स्तर पर जोरदार जलवा दिखाने का काम कर रही है। पहले पहल तो मात्र महिला खिलाडिय़ों का ही दबदबा था, लेकिन अब तो पुरुष टीमें भी कमाल करने लगी हैं। 2008 के सत्र में प्रदेश की टीमों ने पांच पदक जीते हैं। एक सीनियर वर्ग को छोड़ दिया जाए तो बाकी वर्गों में छत्तीसगढ़ की टीमों का ही वर्चस्व कायम है। प्रदेश की टीमों को सफलता की राह पर ले जाने का श्रेय बालिका टीम के कोच राजेश पटेल को जाता है। छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद से ही बास्केटबाल में पदको की बारिश हो रही है। यह बरसात 2001 से प्रारंभ हुई है जो अब तक कायम है। पिछले साल की बात करें तो 2008 में प्रदेश की टीमों ने पांच पदक जीते हैं। इन पदको में तीन स्वर्ण पदक शामिल हैं।
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